बता दें कि इस समय इलेक्ट्रिक कार (Electric CAR) के साथ-साथ इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स यानी स्कूटर और बाइक की मांग भी काफी ज्यादा बढ़ गई है।
यदि आप भी इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स खरीदने का विचार कर रहे हैं तो इसके लिए इंश्योरेंस बेहद ही जरूरी है। वही इंश्योरेंस करवाते वक्त आपको कई बातों का ध्यान रखना है आइए जानते हैं।
वहीं यदि आप अपने इलेक्ट्रिक टू व्हीलर का इंश्योरेंस कराने वाले हैं तो आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन के लिए इंश्योरेंस की प्रोसेस ठीक वैसा ही है जैसा कि प्रैक्टिकल वाले टू व्हीलर्स पेट्रोल वाले टू व्हीलर्स के लिए है।
परंतु आपको ध्यान रखने वाली बात यह है कि इंश्योरेंस की समय अवधि 5 साल की होनी चाहिए।
एडऑन का रखें विशेष ध्यानइसमें ग्राहक इनवॉइस कवर और डेप्रिसिएशन कवर को जोड़ सकते हैं। बता दें कि डिप्रेशिएशन कवर वाहन के किसी भी पार्ट में हुए नुकसान की पूरी तरह से भरपाई करता है साथ ही यह खर्च को भी काफी हद तक कम कर देता है।
बैटरी कवर
दरअसल, कुछ इंश्योरेंस कंपनियां बैटरी पर भी कवर देती है। इंश्योरेंस में आपको बैटरी की सेफ्टी के साथ पानी से बैटरी के खराब होने का कवर भी मिल जाता है।